मैं किसान हूंँ !
अर्थव्यवस्था क्यिा मजबुत होव ई बातगों म्हानै बैरो कोनी, आ बात बामण-बाणियां (विद्वान-व्यापारी) नै पूछो।
मैं किसान हूंँ !
जै सगळ देसगा 12 घण्टा खेत में म्है काम कराद्य (कणक/चिणा कटाद्य) तो 12 महिना भूख कोनी मरणद्यूं।
मैं किसान हूंँ !
कढ्या म्है आपी लैस्यूं और मण्डीयां में पहूंचाद्यूंगा फैर चाहे म्हनैं चाहे लूट लईयों।
मैं किसान हूंँ !
अर्थव्यवस्था क्यिा मजबुत होव ई बातगों म्हानै बैरो कोनी, आ बात बामण-बाणियां (विद्वान-व्यापारी) नै पूछो।
मैं किसान हूंँ !
जै सगळ देसगा 12 घण्टा खेत में म्है काम कराद्य (कणक/चिणा कटाद्य) तो 12 महिना भूख कोनी मरणद्यूं।
मैं किसान हूंँ !
कढ्या म्है आपी लैस्यूं और मण्डीयां में पहूंचाद्यूंगा फैर चाहे म्हनैं चाहे लूट लईयों।
मैं किसान हूंँ !
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