चारों तरफ एक अजीब सा सन्नाटा हैं। हर क्षेत्र अपने आप में खातमें की ओर बढ़ रहा है। देश की अर्थ व्यवस्था लहु-लुहान है। ले दे कर एक आध्यात्म ही था। जिसकी बदौलत हम कुछ अन्दर से शान्त थे, लेकिन वो विश्वास भी टूट गया। कितने रसातल में चलें गये हम, सोचकर मन व्यथित हो जाता है। एक आवारा व शराबी अगर दुश्कर्म करें तो विश्वास होता है। क्योंकि वो हैवान था। पर जब कोई "भगवान" ये कर्म करता है तो आत्मा अन्दर तक टुट जाती है। कहां जाएं हम? कहां सुरक्षित है हमारी बेटी? दिल तडफ़ उठता है क्या यहीं वो भारत है जहां विवेकानन्द जैसे संत ओर गांधी जैसे नेता हुए? यह अंधकार इतना गहरा गया है सफेद भी काला लगने लग गया है। दोष इन भगवानों का नहीं है। दोष हमारी बुद्धि का है हम इतने अंध भक्त हो गये है कि अमृत को विष और विष को अमृत मानने लगे है। दोस्तों ये वक्त सिर्फ सोचने का नहीं है। अगर हम सिर्फ सोचते रहे। तो ये हिन्दुस्तान शायद कुछ वक्त का मेहमान है? आज हमारे साथ विश्वास घात की इंतहा हो गई है। अगर इस धोखे का बदला नहीं लिया तो हम उस रास्तें की धुल
से भी गये गुजरे है जो ठोकर मारने पर सिर पर चढ़ जाती है। पाप ओर जुल्म अपने चरम पर है गीता में कहा है जब भी पाप बढ़ता हैं उसका अंत करने भगवान आता हैं। लेकिन अब हम भगवान का इंतजार नहीं कर सकते? भगवान नहीं हमें इंसान बनना होगा। अगर हम इंसान भी बन गये तो ये पाप की काली रात ज्यादा लम्बी नहीं हो सकती सवैरा निश्चित है लेकिन सवैरे से पहले का अंधकार ज्यादा गहरा होता है, और आज हम उसी दौर से गुजर रहे है। साथियों उठो और अपने अंदर के इसान को जगाओं, उसे बताओं की हम भारतवासी है अंधेरा हमें डरा नहीं सकता, पाप हमें मिटा नहीं सकता, उठो और उस ताकत को जगाओं को हमारे अन्दर सदियों से है। जिसे कोई आततायी मिठा नहीं सका। पापियों से कहदो की हम मुर्ख नहीं है लेकिन हमें प्यार और शांति अपने खुन से विरासत में मिली है। हमारे प्यार को कमजोरी मत समझों, क्योंकि हम वो आग है जो एक बार अगर जल गई तो जुल्म ओर पाप का जंगल नष्ट होने में देर नहीं लगेगी। धोखा हमारे खुन में नहीं है लेकिन हम जिसे राजा बना सकते है उसका ताज उतारने में देर नहीं करेंगे।
कोशिश कभी नाकाम नहीं होती, मेहनत से ही रास्ते सिमट जाएगें
मंजिल ना भी मिले तो क्या पर मंजिल के फासलें घट जाएगें।
हम सदा आपके साथ है ओर इस इंडिया डिस्पले के माध्यम से सदा आपके साथ रहने का प्रयास करेंगे।
- Ramesh Jhorar
से भी गये गुजरे है जो ठोकर मारने पर सिर पर चढ़ जाती है। पाप ओर जुल्म अपने चरम पर है गीता में कहा है जब भी पाप बढ़ता हैं उसका अंत करने भगवान आता हैं। लेकिन अब हम भगवान का इंतजार नहीं कर सकते? भगवान नहीं हमें इंसान बनना होगा। अगर हम इंसान भी बन गये तो ये पाप की काली रात ज्यादा लम्बी नहीं हो सकती सवैरा निश्चित है लेकिन सवैरे से पहले का अंधकार ज्यादा गहरा होता है, और आज हम उसी दौर से गुजर रहे है। साथियों उठो और अपने अंदर के इसान को जगाओं, उसे बताओं की हम भारतवासी है अंधेरा हमें डरा नहीं सकता, पाप हमें मिटा नहीं सकता, उठो और उस ताकत को जगाओं को हमारे अन्दर सदियों से है। जिसे कोई आततायी मिठा नहीं सका। पापियों से कहदो की हम मुर्ख नहीं है लेकिन हमें प्यार और शांति अपने खुन से विरासत में मिली है। हमारे प्यार को कमजोरी मत समझों, क्योंकि हम वो आग है जो एक बार अगर जल गई तो जुल्म ओर पाप का जंगल नष्ट होने में देर नहीं लगेगी। धोखा हमारे खुन में नहीं है लेकिन हम जिसे राजा बना सकते है उसका ताज उतारने में देर नहीं करेंगे।
कोशिश कभी नाकाम नहीं होती, मेहनत से ही रास्ते सिमट जाएगें
मंजिल ना भी मिले तो क्या पर मंजिल के फासलें घट जाएगें।
हम सदा आपके साथ है ओर इस इंडिया डिस्पले के माध्यम से सदा आपके साथ रहने का प्रयास करेंगे।
- Ramesh Jhorar
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